चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि जिन कामों में एकाग्रता की जरूरत होती है, वह काम महिलाएं अच्छे से कर सकती हैं। आर्म्ड फोर्सेंस में महिलाओं का जिक्र करते हुए जनरल रावत ने कहा कि साइबर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे टास्क महिलाएं ज्यादा अच्छे से करती हैं।
विवेकानंद इंटरनैशल फाउंडेशन (VIF) के एक वेबिनार में जनरल रावत ने कहा कि जहां डेस्क में लंबा बैठना होता है और एकाग्रता की जरूरत होती है वहां महिलाएं ज्यादा सक्षम हैं। कुछ एरिया में पुरुष ज्यादा सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि एयरफोर्स में महिलाएं फाइटर पायलट हैं, नेवी में भी हेलिकॉप्टर उड़ा रही हैं और आर्मी में भी जल्द हेलिकॉप्टर उड़ाएंगी। जहां जिसकी क्षमता सबसे अच्छी है उसका वहां उपयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आर्म्ड फोर्सेस हेडक्वॉर्टर में भी क्लर्क के रोल में महिलाएं हैं और स्टेटिक हेडक्वॉर्टर्स में भी उनकी संख्या ज्यादा हो सकती है। जनरल रावत ने कहा कि मेडिकल कोर में महिलाएं लीडरशिप रोल में हैं।
चीन से पीछे हैं हम
जनरल रावत ने आर्म्ड फोर्सेस में टेक्नॉलजी के इस्तेमाल के बारे में बताते हुए कहा कि हम टेक्नॉलजी में चीन से पीछे हैं और हमें यह कमी दूर करनी चाहिए। भारतीय सेना में सैनिकों की संख्या कम करने की योजना पर जनरल रावत ने कहा कि बॉर्डर की रक्षा सैनिक ही करेंगे लेकिन टेक्नॉलजी उन्हें मदद करेगी।
अब हथियार ज्यादा घातक हैं और सर्विलांस सिस्टम ज्यादा प्रभावी है, ऐसे में सेना की वही कंपनी या बटालियन अब पहले से ज्यादा बड़े इलाके को गार्ड कर सकती है। इसलिए कम मैनपावर की और ज्यादा टेक्नॉलजी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भविष्य का युद्ध ज्यादा टेक्नॉलजी ओरिएंटेड होगा।
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